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"Seek Knowledge From Cradle To Grave"
Hamidia Girls Degree College
Call Support 0532-2978600
Email Support hamidia.alld@gmail.com
Location Prayagraj, U.P. India
आवश्यक सूचना - B.A. / B.Com. की सभी छात्राओं को चेतावनी दी जाती है कि वह कॉलेज मोबाइल लेकर ना आए यदि अति आवश्यक है तो अपने अभिभावक से अनुमति पत्र लिखवा कर प्राचार्य से अनुमति लेकर ही लाए। यदि वह फोटो वीडियो इत्यादि बनाती हुई पाई जाती है तो उनका मोबाइल ज़ब्त कर लिया जाएगा और मोबाइल वापस नहीं होगा।   ★★Post for Assistant Professor and College Librarian★★
आवश्यक सूचना - B.A. / B.Com. की सभी छात्राओं को चेतावनी दी जाती है कि वह कॉलेज मोबाइल लेकर ना आए यदि अति आवश्यक है तो अपने अभिभावक से अनुमति पत्र लिखवा कर प्राचार्य से अनुमति लेकर ही लाए। यदि वह फोटो वीडियो इत्यादि बनाती हुई पाई जाती है तो उनका मोबाइल ज़ब्त कर लिया जाएगा और मोबाइल वापस नहीं होगा।   ★★Post for Assistant Professor and College Librarian★★
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Hindi Diwas 1 to 15 September 2025

हिन्दी दिवस एवं राजभाषा पखवाड़ा (1 सितम्बर 2025 से 15 सितम्बर 2025)

हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज, प्रयागराज के हिन्दी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी 1 सितम्बर 2025 से 15 सितम्बर 2025 तक “हिन्दी दिवस एवं राजभाषा पखवाड़ा” का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें छात्राओं तथा छात्रों ने अत्यंत उत्साह और सक्रियता के साथ भाग लिया।

इस आयोजन में न केवल हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज की छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की, बल्कि जगत तरण गर्ल्स डिग्री कॉलेज, ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया।

राजभाषा पखवाड़े के उद्घाटन अवसर पर हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज की प्रो. नसरीन   बेगम  ने “राजभाषा हिन्दी और राष्ट्र की एकता” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि राजभाषा पखवाड़े का शुभारम्भ “राजभाषा हिन्दी और राष्ट्र की एकता” जैसे महत्वपूर्ण विषय पर विचार-विमर्श से हो रहा है।

हिन्दी हमारे राष्ट्र की पहचान है। यह केवल राजभाषा ही नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की मातृभाषा और भावनाओं की भाषा है। भारत एक बहुभाषी, बहुसांस्कृतिक और विविधताओं से भरा देश है। इस विविधता में एकता का सूत्र हमें हिन्दी के माध्यम से ही प्राप्त होता है। हिन्दी वह सेतु है जो उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम और गाँव से शहर तक सबको जोड़ती है।

संविधान ने हिन्दी को राजभाषा का दर्जा देकर केवल एक प्रशासनिक सुविधा नहीं दी, बल्कि इसे राष्ट्रीय एकता का आधार भी बनाया। जब हम हिन्दी का प्रयोग करते हैं तो हम केवल संवाद ही नहीं करते, बल्कि अपनी संस्कृति, परंपरा और साझा विरासत को भी जीवित रखते हैं।

इस पखवाड़े का उद्देश्य भी यही है कि हम हिन्दी के महत्व को समझें, इसे गर्व के साथ अपनाएँ और इसके माध्यम से राष्ट्र को एक सूत्र में बाँधें।

अंत में मैं यही कहना चाहूँगी कि हिन्दी हमारे दिलों को जोड़ती है, विचारों को एक करती है और राष्ट्र की आत्मा को सशक्त बनाती है। आइए, हम सब मिलकर संकल्प लें कि हिन्दी को न केवल राजभाषा के रूप में, बल्कि राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में आत्मसात करेंगे।

हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।हमारे हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित ‘हिन्दी दिवस एवं राजभाषा पखवाड़ा’ के तहत आज हम आपको कुछ यादगार प्रतियोगिताओं के परिणाम सुनाने जा रहे हैं।

तो आइए, शुरुआत करते हैं 1 सितम्बर से, जब हमारी श्रुतलेखन प्रतियोगिता हुई। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया सिद्रा अफ़ताब ने, शानदार प्रयास के लिए उन्हें हार्दिक बधाई!
द्वितीय स्थान पर रहीं सिमरन अफ़ताब, और तृतीय स्थान पर रही सानिया परवीन।

श्रुतलेखन प्रतियोगिता (विषय – राजभाषा हिन्दी और राष्ट्र की एकता)

प्रथम स्थान – सिद्रा अफ़ताब (B.A. द्वितीय वर्ष)
द्वितीय स्थान – सिमरन अफ़ताब (B.A. द्वितीय वर्ष)
तृतीय स्थान – सानिया परवीन (B.Voc. प्रथम सेमेस्टर)

आइए, बढ़ते हैं 2 सितम्बर की ओर। सस्वर पाठ प्रतियोगिता में अपनी मधुर आवाज़ से सभी को मंत्रमुग्ध किया अलीशा ने और जीती प्रथम स्थान की प्रतिष्ठा।

सस्वर पाठ प्रतियोगिता (विषय – छायावाद के कवियों की कविताएँ)

3 सितम्बर को हुई चित्र-लेखन प्रतियोगिता में अपनी कल्पनाशक्ति से सभी को प्रभावित किया सना उमर ने – प्रथम स्थान पर।
नर्गिस बानो रहीं द्वितीय, और सबा बानो ने हासिल किया तृतीय स्थान।

चित्र-लेखन प्रतियोगिता (विषय – वृद्धाश्रम)

प्रथम स्थान – सना उमर (B.A. द्वितीय वर्ष)
द्वितीय स्थान – नर्गिस बानो (B.A. द्वितीय वर्ष)
तृतीय स्थान – सबा बानो (B.A. द्वितीय वर्ष)

4 सितम्बर की हिन्दी अनुवाद एवं भाषा ज्ञान प्रतियोगिता में भी हमारी प्रतिभा का जलवा दिखा। प्रथम स्थान पर रहीं अलीशा (B.Voc. तृतीय सेमेस्टर), द्वितीय स्थान पर सानिया सलीम, और तृतीय स्थान पर अलीशा (B.A. प्रथम वर्ष) रहीं।

प्रथम स्थान – अलीशा (B.Voc. तृतीय सेमेस्टर)
द्वितीय स्थान – सानिया सलीम (B.A. द्वितीय वर्ष)
तृतीय स्थान – अलीशा (B.A. प्रथम वर्ष)

अब बात करते हैं 8 सितम्बर की भाषण प्रतियोगिता की। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया अनुभव शुक्ला ने – उनका प्रस्तुतीकरण अद्भुत था!उत्कृष्ट प्रदर्शन करते
द्वितीय स्थान पर रहीं दीपाली तिवारी, तृतीय स्थान पर अंकित कुमार, और विशेष सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित हुईं सना उमर।

भाषण प्रतियोगिता (विषय – हिन्दी और सूचना प्रौद्योगिकी का संगम)

  • प्रथम स्थान – अनुभव शुक्ला (B.A. LL.B., तृतीय सेमेस्टर, ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज)
  • द्वितीय स्थान – दीपाली तिवारी (B.A. द्वितीय वर्ष, इलाहाबाद विश्वविद्यालय)
  • तृतीय स्थान – अंकित कुमार (B.A. तृतीय वर्ष, इलाहाबाद विश्वविद्यालय)
  • सांत्वना पुरस्कार – सना उमर (B.A. द्वितीय वर्ष)

इसी दिन आयोजित हिन्दी टिप्पण एवं प्रारूपण प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए सारा अंसारी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

आइए, 9 सितम्बर की कहानी प्रतियोगिता की बात करें। प्रथम स्थान पर रही नूर फ़ातिमा, द्वितीय स्थान पर वालिया अशफ़ाक़, और तृतीय स्थान पर निख़त ज़र्रिन। सभी को हमारी ओर से बधाई!

कहानी लेखन प्रतियोगिता (विषय – मोबाइल ने बदल दी ज़िन्दगी)

  • प्रथम स्थान – नूर फ़ातिमा (B.Voc., Non-teaching faculty)
  • द्वितीय स्थान – वालिया अशफ़ाक़ (B.Voc. प्रथम सेमेस्टर)
  • तृतीय स्थान – निख़त ज़र्रिन (B.Voc. तृतीय सेमेस्टर)

10 सितम्बर को आयोजित पत्र लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया अफ़ीफ़ा नाज़ ने,
द्वितीय स्थान पर डॉली प्रजापति, और तृतीय स्थान पर शाज़िया परवीन रहीं।

पत्र लेखन प्रतियोगिता (विषय – ऑनलाइन पढ़ाई के अनुभव पर पत्र)

  • प्रथम स्थान – अफ़ीफ़ा नाज़ (B.Voc. तृतीय सेमेस्टर)
  • द्वितीय स्थान – डॉली प्रजापति (B.Voc. प्रथम सेमेस्टर)
  • तृतीय स्थान – शाज़िया परवीन (B.Voc. प्रथम सेमेस्टर)

इसी दिन हिन्दी टंकण गति प्रतियोगिता में तेज़ गति और सटीकता के लिए प्रथम स्थान तसलीम, द्वितीय स्थान रोज़ी, और तृतीय स्थान नूर फ़ातिमा ने प्राप्त किया।

अंत में, 11 सितम्बर की निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया नर्गिस बानो ने,
द्वितीय स्थान पर सबा बानो, और तृतीय स्थान पर श्रधा पांडेय रहीं।

निबंध प्रतियोगिता (विषय – हिन्दी : एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज़)

  • प्रथम स्थान – नर्गिस बानो
  • द्वितीय स्थान – सबा बानो (B.A. द्वितीय वर्ष)
  • तृतीय स्थान – श्रधा पांडेय (B.A. तृतीय वर्ष, जगत तरण गर्ल्स डिग्री कॉलेज)

तो प्यारे विद्यार्थियों, यह थी हमारी प्रतियोगिताओं की संक्षिप्त झलक।
इन सभी प्रतिभागियों ने न केवल अपनी कला और ज्ञान का प्रदर्शन किया, बल्कि हिन्दी भाषा के महत्व और उत्साह को भी सभी के सामने रखा।
हम सभी उन्हें उनके उत्कृष्ट प्रयास के लिए हार्दिक बधाई देते हैं।

 12 सितम्बर 2025,
विशिष्ट वक्ता प्रो. सरोज सिंह,हिन्दी विभाग, सी.एम.पी. डिग्री कॉलेज (इलाहाबाद विश्वविद्यालय) ने राष्ट्र निर्माण में हिन्दी के योगदान विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला।

सबसे पहले, हमें यह समझना होगा कि “राष्ट्र निर्माण” का तात्पर्य केवल इमारतों, सड़कों और तकनीकी विकास से नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्र की सांस्कृतिक, भाषायी, सामाजिक और वैचारिक एकता से भी जुड़ा हुआ है। और जब हम इस संदर्भ में बात करते हैं, तो हिन्दी भाषा का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण और अविस्मरणीय रहा है।

हमारे स्वतंत्रता संग्राम के समय हिन्दी ने जन-जन को जोड़ने का कार्य किया।
महात्मा गांधी जी ने कहा था — “राष्ट्रभाषा हिन्दी के बिना राष्ट्र गूंगा है।”
हिन्दी वह माध्यम बनी जिससे क्रांतिकारी अपने विचार जनता तक पहुँचा सके। लोकमान्य तिलक, पं. नेहरू, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस सभी ने हिन्दी में अपने विचार रखे। हिन्दी में लिखे गए नारे जैसे –
“इंकलाब ज़िंदाबाद”, “भारत माता की जय” – हर नागरिक के दिल में जोश भर देते थे।

हिन्दी साहित्य ने राष्ट्र निर्माण के विचार को शब्द दिए।
भारतेंदु हरिश्चंद्र, प्रेमचंद, मैथिलीशरण गुप्त, निराला जैसे साहित्यकारों ने हिन्दी में वह साहित्य रचा जिसने जनमानस को सामाजिक चेतना और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की भावना से ओतप्रोत किया।

हिन्दी पत्रकारिता ने स्वतंत्रता आंदोलन को जन-आंदोलन बनाया। “हिन्दुस्तान”, “अभ्युदय”, “सरस्वती”, आदि पत्रिकाओं ने जन-जन को जागरूक किया।

भारत जैसे बहुभाषी देश में हिन्दी ने एक संपर्क भाषा का कार्य किया है।
उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम — हिन्दी ने विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज भी हिन्दी वह भाषा है जिससे देश का आम नागरिक एक-दूसरे से सहज रूप से जुड़ सकता है।

आज के डिजिटल युग में भी हिन्दी का प्रभाव निरंतर बढ़ रहा है। सोशल मीडिया, टीवी, फिल्में, सरकारी योजनाएँ — सभी में हिन्दी की भागीदारी दिन-ब-दिन मजबूत हो रही है।

सरकारी कार्यों, शिक्षा, विज्ञान, तकनीकी, प्रशासन आदि क्षेत्रों में हिन्दी का प्रयोग राष्ट्र को आत्मनिर्भर और आत्मसम्मानी बना रहा है।

 अतः, हम कह सकते हैं कि हिन्दी मात्र एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी आत्मा, हमारी पहचान और हमारे राष्ट्र की रीढ़ है।
राष्ट्र निर्माण की इस यात्रा में हिन्दी ने और निरंतर कर रही है — एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम योगदान।

आइए, हम सभी मिलकर हिन्दी को उसका वह स्थान दें जिसकी वह सच्ची अधिकारी है।
“हिन्दी है हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा।”

हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज की प्राचार्या प्रो. नासेहा  उस्मानी साहिबा ने अपने उद्बोधन में हिन्दी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिन्दी केवल अभिव्यक्ति का माध्यम ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रीय एकता का आधार है।

हिन्दी भाषा के संरक्षण और संवर्धन में युवा पीढ़ी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित किया कि वे हिन्दी को गर्व और सम्मान के साथ अपनाएँ तथा इसके प्रचार-प्रसार में सक्रिय योगदान दें।

हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज, प्रयागराज द्वारा आयोजित “हिन्दी दिवस एवं राजभाषा पखवाड़ा” एक बहुआयामी और शैक्षिक  आयोजन रहा, जिसने छात्र-छात्राओं में हिन्दी के प्रति नई चेतना और उत्साह का संचार किया। विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और हिन्दी की प्रासंगिकता तथा उपयोगिता को समझा।

यह आयोजन न केवल शैक्षिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि इसने राष्ट्र निर्माण में हिन्दी की भूमिका को भी पुनः रेखांकित किया।

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Useful Links

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