हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना की तीनों यूनिट 041,042,एवं 043 के संयुक्त तत्वाधान में आज दिनांक 09.08.23 को “मेरी माटी मेरा देश” सप्ताह (09.08.23 से 15.08.23)का शुभारंभ पंच-प्रण प्रतिज्ञा से किया गया। प्राचार्या प्रोफेसर नासेहा उस्मानी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी हमारी विरासत है। हमें इसकी कद्र करना है। जो चीज हमें बिना मेहनत की मिलती है, हम उसकी कद्र नहीं करते हैं। वर्तमान पीढ़ी आजादी के महत्व को नहीं समझ रही है। हमारे वीर पुरुषों ने अपने घर, बच्चों, जीवन का बलिदान करके इस आजादी को हासिल किया है। भारत छोड़ो आंदोलन का 81 वां साल में हम बहुत आगे निकल आए हैं, लेकिन जितना हम आगे निकल रहे हैं, उतने ही सीमित होते जा रहे हैं। आज हम केवल भारत छोड़ो आंदोलन की बात नहीं करेंगे बल्कि अपने आजादी के महत्व को समझने के लिए नफरत छोड़ो, दुश्मनी छोड़ो, झूठ छोड़ो और इन सब को छोड़ने के लिए मोबाइल छोड़ो की जरूरत है। हमें अपने आसपास के लोगों के दुख-दर्द को देखना है, प्रेम का संदेश फैलाना है। “मेरी माटी मेरा देश” हमसे कहता है, माटी को याद करने की जरूरत है।अपनी सोच में परिवर्तन लाने की जरूरत है। इतिहास हमें बताता है कि हमने किन गलतियों से खोया है, और कुर्बानी से क्या पाया है। इसे याद करने की जरूरत है। समृद्ध माटी को फिर से समृद्ध बनाने की जरूरत है। देश को खुशहाल बनाने के लिए हमें अपने कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों को सही तरीके से निभाने की जरूरत है, और अपने कमियों को सुधारने की जरूरत है। अपनी बात को उन्होंने छात्राओं में यह संदेश देकर समाप्त किया कि ” ना हम इस वक्त हिंदू हैं ना मुस्लिम हैं ना इसाई, अगर कुछ हैं तो बस इस देश,इस धरती के शैदाई ।”
पूर्व प्राचार्या प्रोफेसर यूसुफा नफीस साहिबा ने भारत छोड़ो आंदोलन के संबंध में अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि आजादी के लिए गांधी जी ने “करो या मरो” का नारा दिया था। वर्तमान समय में हमारा देश हमारी मिट्टी हमसे “करो” को अपने जीवन में शामिल करने की बात कहता है। हमें अपने देश की स्वतंत्रता दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों कोई याद करना चाहिए। हमारे देश की मिट्टी बहुमूल्य है, हमने इस मिट्टी में जन्म लिया है और हमारा इससे जुड़ाव हैं। एक अच्छे नागरिक बनकर अपने देश को विकसित और समृद्ध बनाना है। अपने अंदर के जौहर को तलाशने की जरूरत है। सभी के अंदर कुछ ना कुछ प्रतिभा है और हमें अपने देश के लिए सकारात्मक भाव से कार्य करने का संकल्प लेना है। साथ उन्होंने सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों के अंतर्गत स्वयंसेविकाओं को एक टास्क दिया कि उत्तर प्रदेश में स्वतंत्रता आंदोलन की घटनाओं और वीरों के योगदान का तलाश करें। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष जनभागीदारी को पहचाने।
कार्यक्रम के प्रथम दिवस में राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेविकाओं एवं महाविद्यालय की छात्राओं ने “मेरी माटी मेरा देश” पर चर्चा की। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन, वीर शहीदों( रानी लक्ष्मी बाई ,भगत सिंह, महात्मा गांधी, अशफ़ाक़ उल्ला खान आदि) एक भारत श्रेष्ठ भारत आदि को अपनी चर्चा के केंद्र में रखा। निर्णायक मंडली( डॉ शबाना अज़ीज़, डॉ नुज़हत फातिमा एवं डॉ गुलशन अख्त़र) द्वारा अदीबा आबिदीन अल्वी को प्रथम ,आयशा को द्वितीय, फाज़ला को तृतीय एवं सिदरा महफूज़ को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती शर्मीन फातिमा ने किया। इस अवसर पर डॉ शहला हसन कार्यक्रम अधिकारी के साथ डॉ नुदरत महमूद, डॉ हसीना बानो, डॉ शमा रानी, डॉ ज़रीना बेगम, डॉ सिद्दीका जाबिर, डॉ फरहा हाशिम एवं हुस्न बानो आदि शिक्षिकाएं उपस्थित।