रिपोर्ट्
राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस
हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग में आज 07.08.23 को राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस मनाया गया।
प्राचार्या प्रोफेसर नासेहा उस्मानी के आदेशानुसार कार्यक्रम में स्वदेशी की भावना को जागृत करना एवं छात्राओं में छिपे हुनर और प्रतिभा की पहचान करा कर उन्हें उद्यमिता की ओर प्रेरित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने अधिक से अधिक छात्राओं को कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए कहा। छात्राओं को यह बताया गया कि 2015 में भारत सरकार ने 7 अगस्त को “राष्ट्रीय हथकरघा दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है, क्योंकि इस क्षेत्र ने हमारे देश के सामाजिक- आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हथकरघा विरासत के सुरक्षा करने, हथकरघा बुनाईकारों और कार्यकर्ताओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने की प्रतिज्ञा करना और इस उत्कृष्ट कौशल पर गर्व करने का संकल्प दोबारा लेने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने चेन्नई में उद्घाटन किया था।
समाजशास्त्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ इरम फरीद उस्मानी ने छात्राओं को मेड इन इंडिया एवं मेड बाई इंडियन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमें अपने स्थानीय वस्तुओं के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए जो कि हमारे स्थानीय कारीगरों की जीविका से जुड़े होते हैं ,और हम अपने देश का पैसा भी विदेशों में जाने से रोक सकते हैं। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। इस क्षेत्र में तमिलनाडु की कांजीवरम, बनारस की साड़ियां, कश्मीर का पशमीना आदि अपना प्रमुख स्थान रखते हैं । समाजशास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर श्रीमती शरमीन फातिमा ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा चलाया गया अभियान “मेरा माटी मेरा देश” हमें देश के साथ जुड़ाव का संदेश देता है। हथकरघा उद्योग भी भारत की संस्कृति के साथ जुड़ा हुआ है। पहनावे से लेकर घर की सजावट तक सभी चीजों में हमें हथकरघा से बनी चीजों का प्रयोग करना चाहिए । प्रत्येक व्यक्ति के अंदर कोई ना कोई हुनर और प्रतिभा जरूर होती है, जो कि स्थानीय स्तर पर मौजूद संसाधनों के द्वारा अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाकर सशक्त हो सकता है। हथकरघा उद्योग महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेहतरीन साधन है। इस अवसर पर 35 छात्राओं ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया और अरबी विभाग की डॉ नुदरत महमूद, फारसी विभाग की डॉ शबाना अज़ीज़, समाजशास्त्र विभाग की हुस्ना बानो आदि शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।