A programme on Ismail Meeruthi, a great Urdu Scholar and poet was organized on the 3rd day (12/11/2020) of Nawa-e-Urdu by the Department of Urdu, Hamidia Girls’ Degree College with the collaboration of International Young Urdu Scholar’s Association. Dr. Arif Naqvi, Guardian IYUSA, Germany was the Chief Guest of the function. The session was presided by Dr. Abid Hussain Haidari, Principal, M.G.M. P.G. College, Sambhal. The paper was presented by Dr. Shadab Aleem, Co-ordinator, IYUSA on Ismail Meeruthi.
The Chief Guest highlighted beauty and characteristics of Urdu language. He said that this language spreads the message of humanity. He pointed out that there is a message in every verse of Ismail Meeruthi. He further emphasized that Urdu should be made language of common man.
Dr. Shadab Aleem presented various aspects of works of Ismail Meeruthi. She pointed out that he has also written on laborers. He revolted against rawayat.
In his presidential address Dr. Haidari stressed the practical aspects for promotion of Urdu. He gave various references of work of Ismail Meeruthi related to agriculture.
Earlier, welcome address was delivered by Dr. Yusufa Nafees, Principal of the college. The programme was conducted by Mrs. Naseha Usmani, Head, Department of Urdu.. Vote of thanks was proposed by Mrs. Zareena Begum, Associate Professor, Department of Urdu.
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हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज प्रयागराज उत्तर प्रदेश के उर्दू विभाग और इंटरनेशनल यंग उर्दू स्कॉलर एसोसिएशन (आयूसा) उत्तर प्रदेश शाखा के तत्वधान से आयोजित ऑनलाइन साप्ताहिक (10.112020 से 16.11.2020 तक) कार्यक्रम नवा-ए-उर्दू के अंतर्गत तीसरे दिन दिनांक 12.11. 2020 को ‘यौम-ए- इस्माइल मेरठी’ मनाया गया। डॉ शादाब अलीम, कोऑर्डिनेटर आयूसा, मेरठ ने मौलाना इस्माइल मेरठी के हवाले से माकाला प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि डॉक्टर आरिफ नकवी, संरक्षक आयूसा, जर्मनी ने कहा कि बचपन में सुनी इस्माइल मेरठी की नज्में, हमें जीवन का संदेश देती हैं ।उनकी नज्में आवाम की नज्में हैं। हमें उर्दू की उन्नति और ख्याति के लिए इस प्रकार की नज्मों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। उर्दू भाषा तहजीब, इंसानियत, मोहब्बत, शफक़्कत, भाईचारे का पैगाम देती है। वास्तविक रुप से उर्दू भाषा को फरोग तभी मिलेगा जब इसे अमल और व्यवसाय के साथ जोड़ा जाएगा। अतिथि डॉ आबिद हुसैन हैदरी, प्राचार्य एम .जी. एम. पी. कॉलेज, संभल ने कहा कि उर्दू को उन्नति एवं ख्याति के लिए सिर्फ सेमिनार और वेबीनार तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम मौलाना इस्माइल मेरठी की तरह काम करें। उर्दू को आवाम के साथ जोड़े और उनके विचारों को अमल में ले आए ।इलाहाबाद विश्वविद्यालय की उर्दू विभाग की विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर शबनम हमीद ने कहा कि इस्माइल मेरठी की नज्में वर्तमान समय में बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में बहुत जरूरी है।
कॉलेज के प्राचार्या डॉ यूसुफा नफीस ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रबंधक श्रीमती तज़ीन एहसानुल्लाह ने वेबिनार की सफलता के लिए दुआ दी। कार्यक्रम का संचालन उर्दू विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर, श्रीमती नासेहा उस्मानी ने किया। उर्दू विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर श्रीमती ज़रीना बेगम ने धन्यवाद ज्ञापित किया।