हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज, प्रयागराज ,उत्तर प्रदेश के उर्दू विभाग और इंटरनेशनल यंग उर्दू स्कॉलर एसोसिएशन (आयूसा )उत्तर प्रदेश, शाखा के तत्वावधान से आयोजित ऑनलाइन साप्ताहिक (10.11.2020 से 16.11.2020 तक) कार्यक्रम ‘नवा- ए- उर्दू’ का समापन समारोह दिनांक 16.11.2020 को मनाया गया । इस अवसर पर “यौम-ए-अक़बर इलाहाबादी” पर वेबीनार आयोजित हुआ। प्रोफेसर अली अहमद फातमी ने अकबर इलाहाबादी पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने उर्दू शायरी को एक नया आयाम एवं रंग दिया है। तन्ज़-ओ- मिज़ाह (हास्य रस) के द्वारा आवामी व सामाजिक जिंदगी की उथल-पुथल, कशमकश को उभारा है। वह रूढिवादी नहीं थे, बल्कि पश्चिमी संस्कृति के अंधानुकरण के खिलाफ थे, हमें अपनी संस्कृति को, अपनी पहचान को पकड़ कर रखना चाहिए। साथ ही कहा कि अकबर इलाहाबादी पर खास काम करने की जरूरत है क्योंकि उनके जैसा सजीला और नुकीला शायर उर्दू शायरी में अब तक नहीं पैदा हुआ। विशेष अतिथि प्रोफ़ेसर यूसुफ आमिर,कुलपति अल-अज़हर यूनिवर्सिटी, मिस्र ने कहा कि अक़बर इलाहाबादी पूर्वी संस्कृति और पहचान की रक्षा करना चाहते थे। पश्चिमी संस्कृति के अंधानुकरण के विरोधी थे ।उन्होंने अपनी शायरी में अंग्रेजियत का, दैनिक जीवन में बढ़ते प्रयोग का, अंग्रेजी शिक्षा, अंग्रेजी नौकरी आदि को, विषयवस्तु बनाया। आज के भूमंडलीकरण के युग में हम अपनी संस्कृति, परंपरा एवं पहचान की रक्षा करें ,उस पर आंच ना आने दें। अकबर इलाहाबादी रूढ़ीवादी नहीं थे, बल्कि उनका यह संदेश था कि हमें अपनी पहचान और संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए और वर्तमान समय में सिर्फ हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया के बहुत से देशों में अकबर इलाहाबादी जैसे व्यक्तित्व की जरूरत है।
कॉलेज की प्राचार्या डॉ यूसुफा नफीस ने अतिथियों का स्वागत किया। कॉलेज की प्रबंधक श्रीमती तज़ीन एहसानुल्लाह ने 7 दिनों से चल रहे कार्यक्रम की सफलता पर बधाई दी। उर्दू विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर श्रीमती नासेहा उस्मानी ने साप्ताहिक कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की और कार्यक्रम का संचालन किया। उर्दू विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, श्रीमती ज़रीना बेगम ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
Valedictory function of seven days International programme Nawa-e-Urdu was organized by the Dept. of Urdu, Hamidia Girls’ Degree College with the collaboration of International Young Urdu Scholar’s Association, U.P. on 16.11.2020. Prof. Yusuf Aamer, Vice Chancellor, Al-Azhar University, Misra. The session was presided by Prof. Ali Ahmad Fatimi, Former Head, Dept. of Urdu, University of Allahabad. The theme of the programme was ‘Akbar Allahabadi’.
On the occasion of birth anniversary of Allahabad, the programme was devoted to him. Prof. Yusuf, the Chief Guest congratulated the College for organizing such an informative, useful, comprehensive and useful programme Nawa-e-Urdu continuously for seven days. He emphasized that we should preserve our culture and values. He said that Urdu is not only a language of Indo Pak but it is popular in most of the countries. He pointed out that Urdu is taught in Misra at every level(till Ph.D.). He highlighted that Akabar Allahabadi mainly expressed himself through satires. He stressed that there is need of Akbar Allahabadi in every country.
Prof. Fatimi highlighted various dimensions of Akbar Allahabadi’s work. He said that the poet started with ‘Sufiana Shayari’ and later on shifted to ‘Urdu Nazm’. He changed the stream of Urdu shayari and expressed himself through satires. He was against market culture. Prof. Fatimi gave reference of verse of Allahabadi and stressed that he had extraordinary command over language. He has beautifully used English words in his poetry as Kafi. Cultural presentations are found in Akbar Allahabadi’s work. He was a poet of such stature that Iqbal also gave importance to him.
Manager of the College, Mrs. Tazeen Ahsanulla congratulated the organizers for conducting such useful and informative webinar. She also gave blessings. Earlier, Dr. Yusufa Nafees, Principal of the college delivered welcome address. The programme was conducted by Mrs. Naseha Usmani, Head, Dept. of Urdu, Hamidia Girls’ Degree College vote of thanks eas proposed by Mrs. Zareena Begum, Associate Professor, Dept. of Urdu, Hamidia Girls’ Degree College, Prayagraj