प्रयागराज
हमीदिया महिला महाविद्यालय में आयोजित राजभाषा सप्ताह के समापन अवसर पर महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर, मध्य प्रदेश के कुलपति प्रो. आर.सी. मिश्र ने कहा कि प्रयागराज ने हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अनेक महान विभूतियों को जन्म दिया है। महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्चन, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत, महावीर प्रसाद द्विवेदी, धीरेन्द्र वर्मा, और दूधनाथ सिंह जैसी हस्तियां प्रयागराज को ही अपनी कर्मभूमि बनाकर कार्यरत रहीं। राजभाषा आंदोलन के प्रमुख नेता राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन का भी संबंध प्रयागराज से है। यदि इतिहास का पुनर्लेखन किया जाए, तो हमें कई ऐसे अदृश्य नायक मिलेंगे जिन्होंने राजभाषा के लिए प्रयागराज में संघर्ष किया।
प्रो. मिश्र ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा राजभाषा हिंदी में दी जा रही है। अन्य प्रदेशों में भी चिकित्सा सहित तकनीकी शिक्षा को हिंदी में दिए जाने की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रो. राजेश कुमार गर्ग ने कहा कि व्यापक प्रचार और जनस्वीकृति के कारण हिंदी भारत की स्वतः सिद्ध राष्ट्रभाषा बन चुकी है। संविधान के अनुसार हिंदी राजकाज की भाषा अर्थात राजभाषा भी है, लेकिन अंग्रेज़ी के वर्चस्व और भाषाई राजनीति के चलते हिंदी सहित भारत की अन्य भाषाएं भी अपेक्षित विकास नहीं कर पा रही हैं।
प्रो. गर्ग ने कहा कि शिक्षा का पूर्ण माध्यम हिंदी को बनाए जाने की आवश्यकता है, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 343 में स्पष्ट रूप से संघ की राजभाषा हिंदी को घोषित किया गया है। हिंदी की राजभाषा के पद और प्रतिष्ठा को और भी सुदृढ़ करने के लिए अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।
महाविद्यालय की प्राचार्या और प्रसिद्ध उर्दू लेखिका प्रो. नासेहा उस्मानी ने कहा कि हिंदी हमारे देश का गौरव है और विश्व में हमारी पहचान है। हमें हिंदी में प्रवीणता और कुशलता को अपनाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्राचीन इतिहास विभाग की प्रो. नसरीन बेगम ने कहा कि भाषा ठंडे पानी की धार की तरह होती है, जो सहज रूप से प्रवाहित होती है। आज न केवल भारत में बल्कि विश्व भर में हिंदी का प्रचार-प्रसार बढ़ रहा है और उसकी वैश्विक स्थिति मजबूत हो रही है।
इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं ने गीत और काव्यपाठ प्रस्तुत किया। साथ ही, राजभाषा सप्ताह के दौरान आयोजित भाषण, निबंध और कहानी लेखन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम में डॉ. शमारानी, डॉ. सिद्दिकी जाबिर, डॉ. अंकिता अग्रवाल, डॉ. शबनम आरा, डॉ. नीरजा वर्मा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्राएं उपस्थित रहीं।