सड़क सुरक्षा हेतु हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज के रोड सेफ्टी क्लब, राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) और समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनांक 10 .03. 2025 को एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री पवन कुमार पांडे (ट्रैफिक इंस्पेक्टर, प्रयागराज) थे, जिन्होंने सड़क सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए 10 गोल्डन ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी। उन्होंने सभी छात्राओं से यातायात नियमों का पालन करने की अपील की और कहा कि “जीवन अनमोल है, इसे सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है।” श्री पवन कुमार पांडे ने सड़क सुरक्षा को लेकर 10 अनिवार्य नियम के साथ कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों को छात्राओं के साथ साझा की जिनका पालन हर नागरिक को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़क पर अनुशासन और जागरूकता की आवश्यकता है हमेशा सीट बेल्ट और हेलमेट पहनें ,गति सीमा का पालन करें ,मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें – ड्राइविंग के दौरान फोन का उपयोग ध्यान भटकाता है और जानलेवा साबित हो सकता है।नशे की हालत में वाहन न चलाएँ – शराब या किसी अन्य नशीले पदार्थ के सेवन के बाद ड्राइविंग करना खतरनाक हो सकता है।यातायात संकेतों का पालन करें – रेड लाइट जंप करना या सिग्नल तोड़ना दुर्घटनाओं को न्योता देना है। सड़क पर अनुशासन बनाए रखें – गलत दिशा में गाड़ी न चलाएँ और धैर्यपूर्वक ट्रैफिक नियमों का पालन करें। गाड़ी के दस्तावेज़ साथ रखें – ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, बीमा और प्रदूषण प्रमाणपत्र हमेशा साथ रखें। गलत पार्किंग न करें – अव्यवस्थित वाहन पार्किंग से सड़क पर जाम लगता है और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ती है। । दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मदद करें – सड़क पर किसी को घायल अवस्था में देखने पर तुरंत मदद करें और उसे अस्पताल पहुँचाने की कोशिश करें। सड़क पर हुल्लड़बाजी न करें,बारात, धार्मिक जुलूस, या अन्य समारोहों के लिए ट्रैफिक बाधित न करे,हमेशा सतर्क और जागरूक रहें,दूसरों को भी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करें।
रोड सेफ्टी क्लब की कन्वीनर प्रोफेसर इरम फरीद उस्मानी ने कहा कि”अगर नींद में हैं, तो भी ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि यह भी सड़क सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण नियम है और इसे गोल्डन नियमों में शामिल किया जाना चाहिए। कई दुर्घटनाएँ ड्राइवर की थकान या झपकी आने के कारण होती हैं, इसलिए वाहन चलाने से पहले यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि ड्राइवर पूरी तरह सतर्क और जागरूक हो। सोशल नेटवर्किंग एक प्रभावी माध्यम है, जहाँ स्टूडेंट्स वीडियोज, पोस्ट्स, और अन्य डिजिटल संसाधनों के ज़रिए लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक कर सकती हैं। यह अभियान न केवल ऑनलाइन बल्कि ऑफलाइन भी चलाया जाना चाहिए, ताकि हर व्यक्ति सड़क पर सुरक्षित रह सके।
राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी प्रो. सबीहा आज़मी ने सड़क सुरक्षा जागरूकता को सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से फैलाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि छात्राएँ “एजेंट” की भूमिका निभा सकती है और अपने परिवार, मित्रों व समाज में इस संदेश को पहुँचाएँ।
इस अवसर पर उप प्राचार्य डॉ. आमना फारुकी, राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी प्रो. सबीहा आज़मी , एवं डॉ शबनम आरा, रोड सेफ्टी क्लब की कन्वीनर प्रो. इरम फरीद उस्मानी, कोऑर्डिनेटर श्रीमती शरमीन फातिमा, और गेस्ट फैकल्टी हुस्ना बानो सहित 30 छात्राएँ उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापित प्रोफेसर इरम फरीद उस्मानी ने किया।
पूर्व में 08.03.25 को छात्राओं ने सड़क सुरक्षा से संबंधित पोस्टर बनाएं और अपने विचार व्यक्त किये,जिसमें एमए समाजशास्त्र चतुर्थ सेमेस्टर की सबीहा रहमान ,अरनव अयाज एवं एमए द्वितीय सेमेस्टर की बुशरा फातिमा ने अपने प्रभावी विचार रखें।
कार्यक्रम के समापन पर सभी छात्राओं ने सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने और दूसरों को जागरूक करने का संकल्प लिया।
यह कार्यक्रम सड़क सुरक्षा जागरूकता को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ। मुख्य अतिथि श्री पवन कुमार पांडे द्वारा बताए गए 10 गोल्डन नियम, प्रो. इरम फरीद उस्मानी द्वारा नींद में ड्राइविंग के खतरों पर दिया गया संदेश, और प्रो. सबीहा आज़मी द्वारा सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से जागरूकता फैलाने की अपील ने छात्राओं को एक नई दिशा दी।
कार्यक्रम का मुख्य संदेश यही था कि—
“जागरूक, सतर्क और सावधान रहकर ही हम सड़क दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं और अपने जीवन को सुरक्षित बना सकते हैं।”