हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज के संघटक अल्पसंख्यक पी.जी. कॉलेज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के फैशन डिजाइन एवं कढ़ाई विभाग,और सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी विभाग और वाणिज्य विभाग के द्वार अयोजित सम्मेलन का विषय “उद्यमिता एवं स्थिरता व्यापार विकास”था. सम्मेलन 08 फरवरी 2025 से 15 फरवरी 2025 तक है |
कॉन्फ्रेंस के तीन विशिष्ट वक्ता थे प्रो नीतू मिश्रा, विभागाध्यक्ष, परिवार एवं सामुदायिक विज्ञान, गृह विज्ञान, इलाहबाद विश्वविद्यालय ने “फैशन डिजाइन में उद्यमिता और नवाचार के माध्यम से स्थिरता” विषय पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा की फैशन उद्योग, जो ग्लोबल स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाले उद्योगों में से एक है, पर्यावरण और समाज पर अपने प्रभाव के कारण कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस उद्योग का तेजी से बढ़ता हुआ उत्पादन, रासायनिक उपयोग, और अपशिष्टों का निर्माण पर्यावरणीय संकटों को जन्म दे रहा है। ऐसे में, फैशन डिजाइन में स्थिरता (Sustainability) को बढ़ावा देने के लिए उद्यमिता और नवाचार का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।
फैशन डिजाइन उद्योग में पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों को कम करते हुए, एक ऐसे मॉडल को अपनाना जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और टिकाऊ हो। इसका मतलब है कि फैशन उत्पादों को इस तरह से डिजाइन किया जाए कि उनका जीवन चक्र (life cycle) जितना संभव हो उतना पर्यावरण मित्र (eco-friendly) हो।
सस्टेनेबल फैब्रिक्स का उपयोग करना। बायोडिग्रेडेबल कपड़े, ऑर्गैनिक सूती कपड़ा, पुनः उपयोग की जाने वाली सामग्री और पुनर्नवीनीकरण सामग्री जैसे कि प्लास्टिक बोतलों से बने फैब्रिक का उपयोग किया जा सकता है।
“स्लो फैशन” की अवधारणा, फास्ट फैशन के विपरीत है, जिसमें अत्यधिक मात्रा में, जल्द-जल्द फैशन उत्पाद बनते हैं और वे जल्दी से बर्बाद हो जाते हैं। इसके बजाय, उद्यमी फैशन डिजाइनर उच्च गुणवत्ता, टिकाऊ, और समय के साथ चलने वाले डिज़ाइनों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जो लंबे समय तक उपयोग में आ सकें।
प्रोफेसर नीतू मैम ने रेहाना इनक्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर उद्यमिता और नवाचार के महत्व पर भी जोर दिया और बताया कि इस सेंटर के माध्यम से विद्यार्थियों और युवाओं को अपनी व्यवसायिक सोच को आकार देने और नई परियोजनाओं को शुरू करने के लिए एक मंच मिलेगा। यह सेंटर न केवल एक उद्यमिता केंद्र बनेगा, बल्कि नए विचारों और प्रौद्योगिकियों के विकास में भी योगदान करेगा।
डॉ. शेफाली नंदन,एसोसिएट प्रोफेसर मोतीलाल नेहरु इंस्टिट्यूट ऑफ़ रिसर्च और बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन,इलाहबाद विश्वविद्यालय ने “उद्यमिता नेतृत्व: स्टार्ट-अप से लेकर मार्केट लीडर तक और व्यापारिक विकास को नेविगेट करना” इस टॉपिक पर सम्बोधित करते हुए कहा की उद्यमिता नेतृत्व (Entrepreneurial Leadership) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जब किसी स्टार्ट-अप को स्थापित करने से लेकर उसे एक मार्केट लीडर में बदलने तक के सफर की बात आती है। इस सत्र में हम स्टार्ट-अप से मार्केट लीडर बनने और व्यापारिक विकास को प्रभावी रूप से नेविगेट करने के बारे में चर्चा करेंगे।
स्टार्ट-अप से मार्केट लीडर बनने तक की यात्रा चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन यह संभव भी है। यहाँ मैं आपको कुछ पॉइंट बताती हूँ
जो इस प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं:
स्टार्ट-अप के शुरुआती चरणों में, नवाचार (innovation) सबसे महत्वपूर्ण कारक है। जब आप मार्केट लीडर बनने की दिशा में बढ़ते हैं, तो आपको अपने उत्पाद और सेवाओं में निरंतर नवाचार करने की आवश्यकता होती है।
एक उद्यमी के पास स्पष्ट विजन होना चाहिए। विजन यह निर्धारित करता है कि व्यवसाय कहां जा रहा है। इसके साथ ही, एक मजबूत रणनीति बनानी चाहिए सही रणनीति के माध्यम से ही आप मार्केट में अपनी स्थिति मजबूत कर सकते हैं।
स्टार्ट-अप की सफलता के लिए एक सक्षम और समर्पित टीम का होना अत्यंत आवश्यक है। एक उद्यमिता नेता को यह समझना होता है कि अपने कर्मचारियों का सही मार्गदर्शन और प्रेरणा देना कैसे है।
उद्यमिता में जोखिम का सामना करना आवश्यक है, लेकिन यह जोखिम सोच-समझ कर और सही अवसरों के आधार पर उठाए गए हों।
जब आप एक स्टार्ट-अप से आगे बढ़ते हैं और अपने व्यापार का विकास करते हैं, तो कई तरह की चुनौतियाँ सामने आती हैं। इन्हें नेविगेट करना (Navigate) आपके व्यापारिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। कुछ रणनीतियाँ हैं जो व्यापारिक विकास में सहायक हो सकती हैं:
अपने उत्पाद या सेवा को सही ढंग से प्रचारित करना और ब्रांड को मजबूत बनाना आवश्यक है। डिजिटल विपणन, सोशल मीडिया, और अन्य प्रचार माध्यमों का सही तरीके से उपयोग करके आप अपने ब्रांड की पहचान बना सकते हैं।
:उन्होंने अपने लेक्चर के आखिर में कहा की उद्यमिता नेतृत्व में यह आवश्यक है कि आप सही दिशा में सोचें, अपने व्यापार को सही मार्ग पर रखें और सही निर्णय लेकर सफलता प्राप्त करें।
“स्मृति वृद्धि तकनीकों की भूमिका अध्ययन में: वस्तु स्तर पर मस्तिष्क प्रशिक्षण तकनीकों के अध्ययन पर प्रभाव” श्री सुधीर धनयोग. जो प्रयागराज के उद्यमी हैं, ने विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि स्मृति वृद्धि तकनीकें, विशेष रूप से मस्तिष्क प्रशिक्षण के विभिन्न उपायों का अध्ययन, शिक्षा और सीखने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और सुदृढ़ बना सकते हैं।
अपने व्याख्यान में श्री सुधीर धनयोग ने विशेष रूप से वस्तु स्तर पर मस्तिष्क प्रशिक्षण तकनीकों के प्रभाव का विश्लेषण करते हुए। उन्होंने यह भी बताया कि इन तकनीकों का मानव मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ता है, और यह केवल संज्ञानात्मक मस्तिष्क (conscious mind) तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अवचेतन मस्तिष्क (sub-conscious mind) पर भी इनका प्रभाव देखा जा सकता है। इससे व्यक्ति की स्मृति, ध्यान और सीखने की क्षमता में सुधार होता है, जो अंततः शिक्षा और व्यक्तिगत विकास में मदद करता है।
प्रो. नसेहा उस्मानी प्रिंसिपल हमीदिया गर्ल्स डिग्री कालेज ने स्वागत उद्धबोधन दिया। उन्होंने कहा कि छात्राएं उद्यमिता अपनाकर न केवल रोजगार देने वाली बनेंगी, बल्कि वे समाज और देश के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगी। उद्यमिता के माध्यम से वे अपनी क्षमता और कौशल का उपयोग करते हुए नए अवसरों का सृजन करेंगी, जिससे न केवल अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगे, बल्कि दूसरों को भी रोजगार प्रदान करेंगी।
कंपेयरिंग का कार्य प्रो नसरीन बेगम ने किया, जिन्होंने कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। प्रो. नसरीन बेगम, समन्वयक ने कहा कि उद्यमिता से आर्थिक विकास, रोज़गार सृजन, और नवाचार को बढ़ावा मिलता है। उद्यमिता से न केवल आर्थिक विकास होता है, बल्कि यह रोजगार सृजन और नवाचार को भी बढ़ावा देती है। .
डॉ. अमिता अग्रवाल, ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।इस सम्मेंलन में , इस सम्मेलन में डॉ. नसरीन बेगम, डॉ. सिद्दीका जाबिर, डॉ. शबाना अजीज,
डॉ. शहनाज़ काजमी, डॉ. शमा रानी, डॉ. मोनिशा गुप्ता, मिस हर्षिता, मिसेज नबिया तथा बी. वोक. , बी. ए. और बी. कॉम. की छात्राएं उपस्थित रहीं।